01

एक फेल होगा। दूसरा पास होगा।

एक फेल होगा। दूसरा पास होगा। एक मुस्कुरा रहा होगा एक रो रहा होगा। एक के पास अगाध खुशी होगी। फूल होंगे। मालाएं होंगी। चारों तरफ बधाई देने वालों की भीड़ होगी। एक के पास आंसू होंगे। चारो तरफ़ सन्नाटा । बस केवल सिसकियों की आवाज़ होगी। एक के मन में फांसी का विचार। एक के मन में दुनिया में छा जाने का विचार।

लेकिन क्या यही सच्चाई है? जो आज जीत रहे हैं। वो हमेशा जीतेंगे? क्या आज जो हार रहा है? वो हमेशा हारेगा? क्या सूरज हमेशा ही अस्त होगा? क्या सूरज कभी पूरब दिशा में नहीं चमकेगा? क्या अमावस की रात कभी खत्म नहीं होगी? क्या अमावस की रात ने हमेशा के लिए पूर्णिमा की रात को निगल लिया है?

अगर आप इन सभी सवालों का जवाब ना में देते हो। तो, फिर किस बात की है चिंता। आज जो सूरज अपनी खोई हुई लालिमा के साथ अस्त होने जा रहा है, कल वही सूरज अपनी पूरी चमक के साथ दुनिया को रोशन करेगा। कल जब सूरज अस्त हुआ था, तब जो लोग उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे थे। आज जब सूरज की पहली किरण धरती पर आई। तब वही लोग प्रणाम कर रहे हैं। जिस चांदनी रात को अंधेरी रात ने निगल लिया था। आखिर वो भी 15 दिन बाद लौट ही आई।

तब आप क्यों चिंता करते हो? क्या आज परीक्षा में पास होने वाले हमेशा पास ही होंगे। अगर आपने सूरज की तरह मेहनत की है,तो भले ही आज आप अस्त हो गए हैं ,लेकिन कल आप पूरी तेज़ी के साथ जरूर चमकोगे।

तब आप भी चांदनी की तरह जरूर चमकोगे । जिनके साथ आज तमाम लोग हैं। जिनके पास रैंक 1 है। उनके भी जीवन में तमाम अंधेरे रहे होगें। उन्होंने भी तमाम अंधेरों से लड़ा होगा। अगर नहीं लड़ा होगा । तो जिंदगी में हमेशा उजाला नहीं रहता। जिंदगी ही हमेशा अंधेरों और उजालों से भरी है। लेकिन उसी जिंदगी में जुगनू भी हैं । जो अंधेरी रात में भी टिमटिमाते रहते हैं। और घुप अंधेरे में भी ये बतलाते हैं, कि अंधेरा चाहे जितना घना भी क्यों ना हो, छोटा सा प्रकाश भी अंधेरे को हराने के लिए काफी है। इन सब बातों का यही मतलब है । जो आज हारा है। कल वही जीतेगा। आपने पूरी शिद्दत से अगर मेहनत की है, तो परेशान ना होना, अंधेरा खत्म होगा। तुम चमकाेगे। पूरी चमक के साथ। तुम्हारा ताप कोई सह नहीं सकेगा। भगवान को भी अगाध कष्ट हुए। ईशा मसीह को तो बीच चौराहे पर सूली पर लटका दिया गया। भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ। मुझे पूरा यकीन है, आप लोगों ने रूडयार्ड किपलिंग के बारे में जरूर सुना होगा , अगर आपका जवाब नहीं है तो कोई बात नहीं, मोगली और जंगल बुक का नाम जरूर सुना होगा ।ये कैरेक्टर उन्होंने अपनी book में उतारा था। ये कहानी का आइडिया उन्हे अपनी ही जिंदगी से आया था। रूडयार्ड किपलिंग के मम्मी पापा ने उन्हें इंग्लैंड में एक ऐसे घर में छोड़ आए थे। जिसे वो भी नहीं जा जानते थे। और उनके मम्मी पापा भी नहीं जानते थे। वहां पर कोई नहीं था, जिसकी जिम्मेदारी उनकी पालन पोषण करने की थी, उन्ही लोगों ने उस छोटे बच्चे पर कारावास जैसी सजा दी। वह लड़का दूसरे देश में बिल्कुल अकेला था। उसको रोज पीटा जाता। छः साल बाद जब उसके मम्मी पापा वापस आए। उसको उस दलदल से निकाला तो उसी लड़के ने मोगली कैरेक्टर गढ़ा। जो खुद उसकी आपबीती थी । और आज रूडयार्ड किपलिंग को कौन नहीं जानता? ये पूरी दुनिया ऐसी लाखों कहानियों से भरी पड़ी है। सभी फेल हुए हैं।

लोग इस जिंदगी को समझने में बहुत वक्त लगा देते हैं। दरअसल हमारा जन्म ही चुनौतियों से लड़ने के लिए हुआ है। यही नियति है। यही किस्मत है। यही भाग्य है। आपको अपने हिस्से की लड़ाई लड़नी ही होगी। और यह लड़ाई सफल होने के बाद भी लड़नी पड़ेगी। जिंदगी का हर लेवल, पहले वाले से ज्यादा ही कठिन होगा। देखो ना सबसे बाद में बुढ़ापा आता है। जहां पर सभी लोग हार जाते हैं। क्या लूजर, क्या विनर। सब हार जाते हैं।

इन सभी बातों में एक बात और अगर मछली पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करेगी तो यह कोशिश व्यर्थ है। आशा भोंसले जी अगर, आईआईटी जाने की तैयारी करती तो शायद इतना सफल नहीं हो पाती। इसीलिए प्रयास आप उसी दिशा में करें जिसके लिए आप बने हों।

Write a comment ...

Write a comment ...